14 वर्ष की आयु में हममें से अधिकतर लोग अपने कंप्यूटर्स या दूसरे खेल यंत्रों पर वीडियो खेल खेलते हुए चिपके रहते हैं। निखिल मालनकर और प्रसाद काजरेकर भी इनसे अलग नहीं थे। लेकिन जहाँ हममें से अधिकतर बाजार में उपलब्ध अगली लोकप्रिय खेल शीर्षक खरीदने के सपने देखते हैं इन नौजवान बच्चों ने इसे बना देने का स्वप्न देख डाला। यह उन दोनों के स्कूली जीवन का 9वां वर्ष था जब वीडियो खेल निर्माण ने इन्हें अपने सम्मोहन में जकड़ लिया ।
19 वर्ष की आयु में उन्होंने अपने मोबाइल निर्माण खेल विकास स्टूडियो गेम इयोन को स्थापित किया जिसके चीफ एक्जीक्यूटिव अफसर निखिल और चीफ संचालन ऑफिसर प्रसाद नियुक्त हुए । तरल पटेल ( मुख्य व्यापार अफसर) और अमोल मोदी ( व्यापार विकास व्यवस्थापक) आन बोर्ड , गेम इयोन को शक्ति दे रहे हैं।
आरंभिक दौर में जहाँ इनके अभिभावक और मित्र काफी संशयपूर्ण थे, निखिल और प्रसाद बिना हिचके अपने काम में लगे रहे और आज गेम इयोन के नाम कुछ सफलतम शीर्षक इनके नाम हैं । वे अब सहायता अर्जित कर रहे हैं और सफलता इनके कदम चूम रही है पर इन्हें अभी और मार्ग तय करना है । गेम इयोन की कहानी सुनिये कि कैसे इनकी यात्रा बचपन के मोबाईल खेल स्वप्न से मोबाइल खेल स्टार्टअप में बदल गई और उन्हें एप ठेकेदारी में सफलता पाने के लिए सहयोग दें।
नए वीडियो लिंक से रचनात्मक हों
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